The Basic Principles Of sidh kunjika
The Basic Principles Of sidh kunjika
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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिंकुरुष्व मे।।
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ ४ ॥
ऐङ्कारी सृष्टिरूपायै ह्रीङ्कारी प्रतिपालिका ।
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
क्लींकारी काल-रूपिण्यै, बीजरूपे नमोऽस्तु ते।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
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छठ की व्यापकता में पोखर तालाब से टूटता नाता
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
इसके लिए मां दुर्गा के समक्ष घी का दीपक जलाएं. इसे देवी की तस्वीर के दाईं तरफ रखें.
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् more info ।