THE BASIC PRINCIPLES OF SIDH KUNJIKA

The Basic Principles Of sidh kunjika

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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिंकुरुष्व मे।।

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।

पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ ४ ॥

ऐङ्कारी सृष्टिरूपायै ह्रीङ्कारी प्रतिपालिका ।

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

क्लींकारी काल-रूपिण्यै, बीजरूपे नमोऽस्तु ते।।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

Talk with Astrologer Chat with Astrologer About Sanya Bajpai A passionate material author plus a regulation pupil dwelling a chaotic still vivid and entertaining life;). After i'm not Doing work you will discover me binge watching. Moreover, Energetic conversations are constantly welcome more than a plate of spaghetti :).

छठ की व्यापकता में पोखर तालाब से टूटता नाता

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

इसके लिए मां दुर्गा के समक्ष घी का दीपक जलाएं. इसे देवी की तस्वीर के दाईं तरफ रखें.

न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् more info

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